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Saturday, 1 October 2016

परफेक्ट मैडिटेशन का स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस। स्टेप टू: "मन स्थिर:"।


"तन थिर, मन थिर, बचन थिर, सुरत निरत थिर होये,
कहे कबीर उस पल का भेद न पाए कोये।"
-संत कबीर 
नम्सकार दोस्तो स्वागत है आपका, 

सबसे पहले मै आपसे देरी के लिये क्षमा मांगता हूँ यह लेख लगभग दो माह के उपरांत लिख रहा हूँ।

पिछली पोस्ट में हमने चर्चा की कि पूर्ण अंतर्मुखी ध्यान में कैसे पहुंचा जाये और तन स्थिर करना क्या होता है इस भाग मे हम परफेक्ट मेडिटेशन की दुसरी अवस्था कि चर्चा करेंगे यानि मन कैसे स्थिर करें?


मन को स्थिर करने से तात्पर्य है कि जैसे आपने तन को एक अवस्था में स्थिर किया है इसी तरह मन को एक अवस्था में स्थिर करना है। परमानेंटली नहीं सिर्फ मेडिटेशन के समय

Wednesday, 27 July 2016

परफेक्ट मैडिटेशन का स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस। ये जानना आपका हक़ है !

 नमस्कार दोस्तों, आप सभी का स्वागत है।


जब ध्यान की ठीक प्रक्रिया अपनाई जाये तो सबसे पहले पैर सुन्न होना शुरू जाते है। यह इस बात का सूचक है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे है।

Thursday, 7 July 2016

सही ध्यान का पहला आत्मिक अनुभव! क्या आपने किया???

नमस्कार दोस्तों और स्वागत है आप सभी का,

अगर आपने पिछले सभि लेख पढ़ें होंगे तो आपको ये पहले से मालूम होगा कि ध्यान  करने की कोई ख़ास विधि सीखने की आवश्यकता नहीं है क्यूंकि ध्यान हमारी आत्मा का एक मात्र गुण है और वो पूर्ण रूप से प्राकृतिक है।

बड़े दुःख की बात है ज्यादातर लोग आजकल ध्यान को सीखने के लिए ऐसे लोगो के पास जाते हैं  जिन्हें खुद इस विषय के बारे में ज्ञान नहीं है। कुछ लालची व व्यवसायी बुद्धी के लोग धर्म, ज्ञान, आत्मज्ञान व् भगवान् के स्वयं घोषित ठेकेदार

Friday, 24 June 2016

मेडिटेशन या "ध्यान? दुबारा सोचें "ध्यान" से! 9 चीज़ें जो सिर्फ सफल मेडिटेटर जानते है



नमस्कार और् वापस स्वागत है।

हम सभी ने मेडिटेशन के बारे मे खूब सुना है, और हम में से बहुत लोग तो मेडिटेशन की गूढ़ अवस्था का अनुभव भी कर चुके है तथा पांचवे आयाम की भी यात्रा कर चुके है।

Monday, 20 June 2016

तीसरी आँख, पीनियल ग्रंथि और क्राउन चक्र के बीच अंतर: क्या है वास्तविकता???


 नमस्ते और आपका स्वागत है दोस्तो,

पिछले पोस्ट में हमने भगवान के अस्तित्व और उसके ठिकाने के बारे में बहुत मौलिक सवालों पर चर्चा की। साथ मेंहमने निष्कर्ष निकाला कि भगवान मौजूद है और वह केवल पांचवे आयाम में ही पाया जा सकता है और केवल "तीसरी आंख" से देखा जा सकता है।

तीसरी आँख के बारे में अफवाहें हर तरफ हैं।

Sunday, 19 June 2016

Difference between Third Eye, Pineal Gland and Crown Chakra: A Reality Check

Hello & Welcome Back Friends,

In my previous posts we discussed very fundamental questions about Existence of the God and His Whereabouts. Together, we concluded that the God Exist and He can be Found out only in 5th Dimension and can be seen only by “Third Eye”.

There are lots of rumors about Third Eye, Pineal Gland & Crown Chakra out there.

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