Wednesday, 1 June 2016

9 कारण जिसकी वजह से आपको भगवान नही दिखता।


नमस्कार और स्वागत है आपका,

आप यह पढ़ रहे हैं, क्योंकि आप कहीं न कहीं अपने भीतर गहरे जानते हैं कि भगवान को खोजा जा सकता है। हाँ, वह है और हम निश्चित रूप से हम उससे मिल सकते है, लेकिन तभी जब हम तार्किक और वैज्ञानिक् ढंग

से समझें और सही दिशा में देखें।


लेकिन उससे पहले हम ये जान लें कि वो कहाँ नही हो सकता ताकि हम उसे ढुंढने कि जगहों को कम कर सकें और फिर जल्दी ढूंढ सके। ("this is called elimination method")




तो ये है वो 9 कारण:


1.एक कलाकार कला में खुद नहीं होता बल्कि उसके भाव होते हैं । जरा “ध्यान” दीजिये”।


मुर्ति बनाने वाला शिल्पकार एक मुर्ति से अलग होना चाहिये। सृजनकार सृजन के अलावा कुछ और होना चाहिये । एक चित्रकारी और चित्रकार दोनों अलग अलग होते है। एक कला के अन्दर कलाकार खुद नहीं होता।

क्या आपको कला के एक नमूने में कलाकार मिल सकता है?? जवाब है "नहीं"। हम कला के नमूने में कलाकार नहीं ढूँढ सकते । हम केवल कला के नमूने में कलाकार का भाव (expression) देख सकते हैं और ढूँढ सकते है।

वो ख़ुद हमे इस पदार्थ (matter) से बनी भौतिक दुनिया में नहीं मिल सकता लेकिन दुनिया में भगवान के भाव या expression "उसकी कलाकारी का सिर्फ नमूना मिल सकता है।



2. भगवान बिग बैंग के पहले से होना चाहिए।


वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्रह्मांड की उम्र 13.799 ± 0.021 अरब साल है। यह सब एक बिंग बैंग के साथ आया और बिंग बैंग से पहले कुछ भी नहीं था। सभी पदार्थ, तत्व, समय, स्थान और विज्ञान से संबंधित नियम केवल बिग बैंग के साथ में आए हैं।उदाहरण के लिए भौतिक विज्ञान के नियम जैसे कि गुरुत्वाकर्षण इत्यादि

अगर हम ये मानते है कि ये सब रचना या क्रिएशन (creation) बिग बैंग के साथ आई तो हमे ये मानने में संकोच नही होना चाहिए कि रचनाकार उस रचना या क्रिएशन से कही परे है| विज्ञान के मुताबिक समय, स्थान और पदार्थ बिग बैंग के साथ आयें हैं तो भगवान इनसे पहले से होना चाहिए। 


हम तो किसी ऐसी वस्तु या व्यक्ति या शक्ति को ढूंढ रहै हैं जो बिग बैंग से पहले का हो और जिसकी वजह से बिग बैंग हुआ हो। 



3. सब कुछ पदार्थ (matter) से बना है और वो उससे अलग है।


पदार्थ क्या है। विज्ञान के मुताबिक ऐसी वस्तु जो जगह घेरती हो और

भारी हो। हवा तक भी जगह घेरती है। एक टायर में हवा ज्यादा भरो तो वो अन्दर की सारी जगह घेर लेती है और टायर फ़ट जाता है। आपका फोन जगह घेर रहा है वो भी पदार्थ से बना है।

अब आप अपने आस् पास देखो, क्या सब कुछ पदार्थ (matter) से बना है? पदार्थ की खासियत है कि यह समय के साथ बदल जाता है और नष्ट हो जाता है।

क्या भगवान बदल सकता है? नष्ट हो सकता है??


4. पदार्थ (matter) की सीमाएं है और भगवान सीमाओं से परे होना चाहिये।


हर पदार्थ की सीमाएं होती है और हमारी मान्यताओं के अनुसार वो असीमित है। भगवान सर्वव्यापी होना चाहिए। सीमाओं के बिना। उन सभी के लिए उपलब्ध होना चाहिए जो उस में रुचि रखते है।



5. क्युंकि भगवान पक्षपाती नही हो सकता।

हम सभी कि मान्यताओं के अनुसार भगवान पक्षपाती नही है और असल में एक भगवान के रूप में मान्य होने के लिए के उसे सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध होना चाहिए हर समय और सभी स्थानों पर। यहां तक कि एक ऐसे व्यक्ति के लिए भी जो नेत्रहीन हो। तो भगवान को ऐसी जगह होना चाहिये जहाँ हर कोई, अपनी शारीरिक कमजोरियों के बावजूद, उसे देख सके।


जरा निम्नलिखित पर ध्यान दिजिए  :-

एक मिनट के लिए मान लीजिए कि वह इस धरती पर एक विशिष्ट स्थान पर है। उदाहरण के लिए अमेरिका में एक पहाड़ पर। अब क्या सभी लोग एक पहाड़ पर चढ़ने के काबिल हो सकते हैं ?? क्या सभी अमेरिका जा सकते हैं ?? क्या अमेरिका का वीजा प्राप्त कर सकते हैं ??क्या भगवान उन मुट्ठी भर लोगों के लिए है, जो अमेरिका तक पहुंचने और एक पहाड़ पर चढ़ने के लिए शारीरिक और आर्थिक क्षमता रखते है?? क्या सिर्फ़ अमीर वयक्ति ही उससे मिल सकते है?? क्या सिर्फ़ दान करने वाले वयक्ति ही उससे मिल सकते हैं? क्या गरीब नही मिल सकते? क्या आप एक पक्षपाती भगवान की कल्पना कर सकते हैं ??? अगर वह पक्षपाती है तो वह भगवान नहीं है।

और स्पष्ट करते हैं।

एक मिनट के लिए मान लीजिए कि वह किसी सागर में कहीं है। तो क्या हर किसी में तैरने या गोता लगाने कि क्षमता है?? क्या ऐसे लोग नही हैं जो शारीरिक रूप से विकलांग हैं। क्या भगवान उन लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है, जो इस तरह के शारीरिक विकलांगता की वजह से 1 फुट भी नहीं चल सकते है? क्या ऐसे लोग नही हैं जो बीमारी कि वजह से अपने बिस्तर तक से नही उठ पाते ?? क्या इन सभी लोगो को उसे देखने का कोई अधिकार नहीं है?


नही!! भगवान पक्षपाती नही है और इसीलिये इस दुनिया मे किसी ख़ास जगह पर नहीं हो सकता वह गोरे-काले, स्त्री-पुरुष अमीर-गरीब, विक्लांग व स्वस्थ लोगो के समान रूप से उपलब्ध होना चाहिये



6. भगवान दयालु भी है इसलिए एक पापी या दुराचारी के लिए भी उपलब्ध होना चाहिए।



एक पापी जिसे हत्या के जुर्म मे पकड़ कर उमर भर के लिये जेल मे डाल दिया गया हो तो भगवान उसे भी उप्लब्ध होना चाहिये अगर "ध्यान से" सोचा जाये तो ज्यादातर को पाप करने के बाद ही भगवान की याद आती है। भगवान सर्वव्यापी होना चाहिए। उन सभी के लिए हर समय उपलब्ध होना चाहिए जिसे उसकी याद आती हो ।

अगर भगवान किसी खास जगह होता तो कोइ कैदी उससे कैसे मिल सकता? भगवान पापी-सज्जन सभी के लिए है।


7.वह प्रकाश से पहले से है और प्रकाश में भी नहीं देखा जा सकता ।


दुनिया की सभी वस्तुएं प्रकाश की वजह से दिखती हैं अगर प्रकाश ना हो
तो हम कुछ भी नहीं देख पायेंगे। लेकिन वैज्ञानिको के मुताबिक प्रकाश भी बिग बैंग के समय ही पैदा हुआ है। और हम उसे ढुंढ रहे हैं जो बिग बैंग से पहले से है। तो वह प्रकाश से परे है और प्रकाश में भी नहीं देखा जा सकता।


उसे तो ऐसी जगह होना चाहिये जहाँ एक अन्धा वयक्ति भी देख सके।



8. जहाँ पर भौतिकी के नियम ना लागू होते हों 


हमारे आस पास जो कुछ भी दिखाइ दे रहा है यह सब भौतिकी के नियमों 
से बन्धा हुआ है। आइंस्टाइन ने एक बहुत ही मशहूर समीकरण दिया है E=mc2 जिसकी वजह से आज हम स्पेस मे यात्रा कर सकते हैं। लेकिन ये सब नियम भी बिग बैंग के समय ही बने हैं। जिसे हम ढूंढ रहे हैं वो इन सबसे पहले से मौजूद है। इसीलिये वो ऐसी जगह नहीं हो सकता हो इन नियमों से बन्धी हो।



9. आपने उसे नही देखा क्योंकि वो वहां है ही नही


क्या आपने अब तक "खुद" अपनी शारीरिक आँखों से इस भौतिक दुनिया में भगवान को देखा है?? नहीं, आपने उसे नही देखा क्योंकि वो वहां है ही नही।




तो भगवान ऐसी कौनसी जगह पर हो सकता है जो  जगह 


A) पदार्थ से ना बनी हो,  
B) बिग बैंग से पहले की हो, 
C) जहाँ पर भौतिकी के नियम ना लागू होते हों,
D) जो समय और स्थान से परे हो 

और जहाँ जाने या देखने के लिए:


E) किसी तरह की शारीरिक रुकावट नही हो;
F)स्त्री पुरुष या काले गोरे का फर्क ना हो;
G) एक शारीरिक रुप से विकलांग एक अन्धा वयक्ति भी जा या देख सकता हो;
H) एक मरणासन्न आदमी भी जा या देख सकता हो;
I) जहाँ एक पापी या दुराचारी वयक्ति भी देख सकता हो;
J) किसी एजेंट की सेवाएँ ना लेनी पड़ती हों;
K) किसी वीज़ा या पासपोर्ट की जरुरत ना पड़ती हो;
L) यहाँ तक की किसी भी भौतिक वस्तु कि जरूरत ना पड़ती हो???

क्या ऐसी जगह है जिस के बारे में हम पहले से ही जानते हैं लेकिन आज तक हमने इतने “ध्यान से” गहराई से नही सोचा?


तो क्या कोई ऐसी जगह है जो ऊपर लिखी सभी कसौटियों पर खरी उतरती हो??? और ऐसी जगह पर भगवान भी मिल सकता हो???


जी हाँ खुशी की बात है कि ऐसी जगह है जो ऊपर लिखी सभी कसौटियों पर खरी उतरती है और ऐसी जगह पर भगवान भी मिल सकता है ।




ऐसी जगह कहाँ है यह जानने के लिये पढे ये अगली पोस्ट। यहाँ क्लिक् करें



Thanks,

Urs Truly,

Satya Anugrahi

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